आलेख

ARTICLE

आलेख

'आलेख' लिखने के अनेक उद्देश्य होते हैं जैसे- जानकारी देना, मनोरंजन करना, किसी बात को करने के लिए प्रेरित करना आदि। उद्देश्य के अनुसार ही भाषा का प्रयोग किया जाता है। सामान्यरूप से हर आलेख में मुख्य शीर्षक (जो पाठकों को आकर्षित करता है), परिचय, मुख्य विषय और उपसंहार होता है।

'फीचर-लेखन' भी इसी प्रकार की विधा है जो पत्रिकाओं में तथा समाचार पत्रों के विशेष पन्नों पर लिखी जाती है। समाचारों से इसका कोई लेना-देना नहीं होता बल्कि समस्याएँ, राय, अनुभव तथा विचारों से प्रेरित होकर इन्हें लिखा जाता है। इसप्रकार किसी सामयिकी अर्थात वर्तमान मुद्दों के बारे में अपनी व्यक्तिगत राय या आधुनिक जीवनशैली पर व्यंग्यात्मक रूप से की हुई टिप्पणी होती है। एकप्रकार से आलेख लेखक सत्य को सतही तौर पर अधिक गहराई में झाँककर, रंगीन, वर्णनात्मक, पृष्टभूमि सहित बताकर अपनी राय देता है।

किसी विषय के बारे में विशेष सूचना, मनोरंजन, जिज्ञासा का शमन तथा प्रेरणा देने का काम फीचर करता है। आलेख में ये सारी बातें होती हैं परंतु विषय से संबंधित व्यक्तिगत दृष्टिकोण का अभाव होता है। अच्छा फीचर लेखक अपने लेखन को विशिष्ट दृष्टिकोण देकर रंजक और अद्वितीय बना देता है। हमेशा पाठकों को ध्यान में रखकर शब्दों का चयन करता है। यदि आप औपचारिक आलेख लिख रहे हैं तो उसमें औपचारिक भाषा ही होनी चाहिए। यदि आप किशोरों के लिए लिख रहे हैं तो आपकी भाषा उनके अनुकूल शब्दों का प्रयोग करते हुए व्यक्तिगत होनी चाहिए। फिर आप चाहे 'रापचिक', 'बस क्या?' आदि शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए

अमृतफल अमरूद

मीडिया की हिंसा और अश्लीलता की ओर आकर्षित होते बच्चे