पत्र

LETTER

पत्र

प्रिय छात्रों,

हमारी शिक्षा-प्रणाली में जो बदलाव आया है, आज उसकी तरफ आपका ध्यान आकृष्ट करने के लिए यह पत्र लिख रही हूँ। आज का युग 'संगणक-युग' है। हमारा जीवन ही संगणकमय हो चुका है। ऐसी स्थिती में आप उससे परे (अलग) नहीं रह सकते। संगणक से दोस्ती करने की सबसे पहली शर्त है - 'की-बोर्ड' की जानकारी। आप किस भाषा का प्रयोग करना चाहते हैं, इस बात की सूचना हमें 'की-बोर्ड' द्वारा ही देनी होती है। अत: जब हम हिंदी के लिए देवनागरी लिपि का चुनाव करते हैं तब वर्णमाला-क्रम को ध्यान में रखना आवश्यक है।

किसी भी प्रकार का अज्ञान शोभा नहीं देता। 'भाषा' ही इस युग का प्रधान 'साधन' बन गया है तब हमें अपनी उन्नति के लिए 'कुंजी-साधना' (key-Inputing) करनी ही होगी। सबसे पहले 'की-बोर्ड' पर कौन-सा वर्ण कहाँ है इसकी जानकारी लिजिए। फिर मात्राएँ कहाँ हैं उन्हें जानकर वर्णों के साथ जोड़ दीजिए। इसके लिए हिंदी की कोई भी किताब लेकर उसमें से एक अनुच्छेद चुनकर उसे टंकित कीजिए। इसप्रकार के अभ्यास से आप जल्दी ही देवनागरी 'कुंजी-कौशल' आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

विश्वास रखिए कि निरंतर अभ्यास से हम कोई भी कौशल हासिल कर सकते हैं। इस 'कौशल-साधना' में मैं आपके साथ हूँ। मैं चाहती हूँ कि आप अपना सहयोग ईमानदारी से दें। यदि कोई समस्या आ भी जाए तो बेझिझक मेरे ईमेल पर संपर्क करके आप उसका हल पा सकते हैं।

चिरशुभाकांक्षी,

अध्यापिका