विषय-प्रवेश
लेखन आज के जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। प्रौद्योगिकी के कारण पाठ्यक्रम में बदलाव आ जाने से इसका महत्त्व और भी बढ़ गया है। क्या लिखें? कैसे लिखे? इसकी चिंता आज के किशोरों को सताती है। पहले जिस निबंध को केवल अंक पाने के लिए लिखा जाता था आज उसे 'रचनात्मक-लेखन' के रूप में देखा जा रहा है। इतना ही नहीं समाचार, आलेख, ब्लॉग आदि विभिन्न प्रकारों से आज उसे परिचित होकर कौशल भी हासिल करना है। उसके लिए उचित मार्गदर्शन की जरूरत भी है। इसी बात को ध्यान में रखकर उनकी सहायता करने का यह छोटा-सा प्रयत्न है।
यदि प्रस्तुत जानकारी से अधिक उन्हें जानना हो तो वे 'कार्यशाला' (workshop) के लिए संपर्क कर सकते हैं। इनका आयोजन स्कूलों में किया जा सकता है।