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Bhaskar News Network
Feb 27, 2014, 03:18 AM IST
लगातार तीन दिन से गिर रहे मावठे व ओलों ने किसानों की फसलें तबाह कर दी है। डबडबाई आंखों से किसान कहते हैं पहले सोयाबीन सड़ा और अब गेहूं-चना व गन्ना भी बर्बाद हो गया। वहीं किसान संघ ने खरीफ के बाद रबी की फसल के नुकसानी के मद्देनजर किसानों का बैंक कर्ज का ब्याज माफ कर मूल ऋण स्थगित करने की मांग जिला प्रशासन से की है।
धार शहर में बुधवार को भी बारिश हुई। डीआरपी लाइन, घोड़ा चौपाटी से इंदौर नाके के बीच गिरे ओले कंचे व बैर के आकार के थे। दोपहर व शाम को भी ओले गिरने का दौर चलता रहा। नौगांव, तोरनोद, सकतली, सांबर, बालोदा, गवला, अकोलिया, इकलारा, नेपावली, सुनारखेड़ी, नवासा गांवों का दौरा किया। पटवारी एक-एक गांव का सर्वे कर रहे हैं।
चने, लहसुन को छोड़ १७०० बीघा की फसलों में नुकसानी हुई है। बाकुरली में १०० खाते में अधिकतर में ८० फीसदी नुकसान होना बताया गया। सुनारखेड़ी में १ हजार बीघा में फसल आड़ी पड़ी है। तिरला ब्लॉक के १५२ गांवों में नुकसान है। आसपास की तीन हजार बीघा की फसलें तबाह हो गई। गेहूं की फसल आड़ी पड़ी है। ओले गिरने के कारण घेघरे में से चना निकल कर खेत में गिर गया। सीतापाट में सादी नदी से लगी ३००-४०० बीघा जमीन में भारी नुकसान हुआ। तुर्कबगड़ी, देदला, पचलाना समेत आसपास के हर गांव में नुकसान हुआ। आरआई के मुताबिक सांबर गांव के रामपुर, नेपावली, नवासा, ताजपुर में अन्य गांवों की अपेक्षा नुकसानी कम है। धार शहर में बारिश से सड़क पर कीचड़ पसर गया। चालक फिसलते रहे। बच्चे ने कटोरी में ओले समेट लिए। राजगढ़ के पास ओलावृष्टि व बारिश से 264 भेड़ों की मौत हो गई।
साभार : http://www.bhaskar.com/news/MAT-MP-OTH-c-8-912539-NOR.html